भारत हमेशा से ही एक विकासोन्मुखी देश रहा है, दौर चाहे किसी चीज का हो हमेशा ही देश ने अपना परिचय एक बेहतरीन और जिज्ञासु बालक की तरह दिया है।
देश की अर्थव्यवस्था पिछले कुछ सालों से बहुत नए आयाम लिख रहा है, और इसका सबसे बड़ा उदाहरण क्रिकेट है, जिसको सीधा जानने के लिए फटाफट क्रिकेट यानि IPL Highlights को देख कर समझा जा सकता है । कहा जाता है की भारत में दो चीजों का दौर हमेशा ही चलेगा एक शादियों का और दूसरा क्रिकेट का। आज क्रिकेट की लोकप्रियता का अंदाज़ा इससे लगाया जा सकता है की ये हर उम्र के लोगो का एक पूरे दिन का खास मनोरंजन बनता गया है।
ये सिर्फ कुछ टीमों का खेल नहीं वास्तव में इसमें पूरा भारत नहीं बल्कि पूरी दुनिया खेल रही होती है| इसमें इनके जोश और उत्साह की कोई सीमा ही नहीं होती। इसके एक नए स्वरूप को हम इस तरीके से समझ सकते हैं की , ’IPL’ ने भारत की अर्थव्यवस्था एक नया अध्याय ही लिख दिया है, और आज ‘IPL’ देश के सबसे बड़े बिज़नेस का केंद्र बनता जा रहा है IPL दुनिया में सबसे ज्यादा -भाग लिया जाने वाला क्रिकेट लीग है और सभी खेल लीग के बीच छठे स्थान पर है।
क्या आपने मंदिरों, समाज द्वारा आयोजित त्योहारों और राजाओं द्वारा आयोजित युगल और खेल के बारे में सुना है? यह सभी समाज के अर्थव्यवस्था को विकसित करने के लिए प्रयासरत हैं। स्वस्थ वातावरण में प्रतिस्पर्धा करने के लिए एकजुट होने वाले लोग मंदिर के अधिकारियों के लिए एक महान राजस्व उत्पादक हैं, और इसके अलावा वे घटना के आसपास के नागरिकों के बीच अच्छी इच्छा और सद्भाव का प्रचार करते हैं। ओलंपिक की होस्टिंग जीडीपी को बहुत उत्प्रेरित करता है क्योंकि यह खर्च सरकार और जनता दोनों के हित में संलग्न हैं।
IPL Highlights Season 2015 के डाटा पर ध्यान देने पर समझ में आयेगा की कैसे आईपीएल ने भारत के जी डी पी और अर्थव्यवस्था में 11.5 लाख ₹ (अमेरिका $ 182 मिलियन) का योगदान दिया है और अपने आप में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जी डी पी) को जोड़ने वाले बहुविध व्यवसायों में कारोबार करता है, अन्य संबद्ध क्षेत्रों जैसे यात्रा, भोजन, दूरसंचार आदि में एक मंथन का विषय है। खिलाड़ी और ईवेंट आयोजक एकमात्र ऐसे लोग नहीं हैं जिन्हें आई पी एल का सीधा लाभ मिलता है। कई अन्य व्यवसाय और सेवाएं हैं जो आई पी एल के कारण बिक्री में वृद्धि देखते हैं।
IPL एक ऐसा मंच है जहाँ एक महीने तक लगभग हर घंटे हम IPL के खबरों से जुडे होते हैं, और खेल के करीब चार घन्टे के अंतराल में खुद के ब्रांड को प्रमोट करने के अनगिनत अवसर होते हैं | तो सोचिये ऐसे अवसर को कौन भला छोड़ना चाहेगा | ग़ौरतलब यह है की एक एक सेकंड की कीमत लाखों में होती है जिसपर खर्च करने के लिए हर कोई उतना ही दम लगा रहा होता है | यह मंच एक वैश्विक मंच है जहाँ पर पूरी दुनिया एक साथ एक ही एक ही तस्वीर एवं एक ही चल-चित्र देख रही होती है | इस खेल के प्रसारण को इस तरह से डिज़ाइन किया गया है की हर बडे बिज़नेस ब्रांड को अपने ओर आकर्षित करता है, और जहाँ इस स्तर पर अर्थ व्यवस्था का संचालन हो रहा हो तो इसका जीडीपी पर एक सकारात्मक असर क्यों न हो ?
IPL के इस खेल महोत्सव में इस साल करीब बडे एवं छोटे कंपनियों को मिलाकर लगभग 30 प्रायोजक को देखा गया | इस संख्या में हर साल बढ़ोतरी देखी गयी है| देश के सबसे मोबाइल कंपनी से लेकर पान मसाला तक की कंपनियों ने हिस्सा लिया |
IPL एक ऐसा महोत्सव है जो दो महीने तक पूरी दुनिया को एक ही रंग में रंग देने का भाव प्रकट करती है | यह खेल का वह त्यौहार है जहाँ हर कोई अपने ऊपर तरह तरह के रंगों में रंग कर भी एक ही एक बडे मंच का एक रंग बना रहता है | रंगों का ऐसा इस्तेमाल शायद ही एक साथ किसी फैशन शो में देखने का मिलता है | डिज़ाइन एक ऐसा मंत्र है जो हर टीम हर इंसान इसको जप रहा होता है| हर कोई एक दूसरे से ज्यादा महत्वपूर्ण दिखाना चाहता है | रंग चाहे जर्सी का हो, झंडे का हो, हर रंग अपने आप में स्पेशल होता है | हर टीम की अपनी एक पहचान है जहाँ उनको रंगों से बहुत आसानी से पहचाना जा सकता है तथा सबको एक दूसरे से अलग करते हुए सबको एक ही मंच पर रखता है | यहाँ तक की दर्शक भी खुद को तरह तरह से सजाते हुए अपने टीम के सपोर्ट में दिख जाते हैं | क्रिकेट के इस महापर्व में रचनात्मकता को बहुत महत्ता दी जाती है एवं हर साल रचनात्मकता को एक नया आयाम भी मिलता है| यह त्यौहार टेक्सटाइल से लेकर एडवरटाइजिंग इंडस्ट्री तक को बढ़ावा देती नज़र आती है|
इस खेल के नियम एवं शर्तों की रचना को देखा जाए तो आज की इस भाग दौड़ की दुनिया के लिए बेहद ही सटीक है| इसके प्रसारण के समय से लेकर खेल की समय सीमा तक को इस तरह डिज़ाइन किया गया है की हर तरह के उम्र एवं पेशा के दर्शक को अपना अभिन्न हिस्सा बना लेता है | इस पूरे खेल को लोग अलग अलग माध्यम से भी अपना कमाई का ज़रिया बना लेते हैं| इसलिए यह त्यौहार हर किसी के लिए कुछ न कुछ लेकर आता है और इसने भारत को विश्व के मानचित्र पर लोगों के बीच एक नयी पहचान दिला दी है| दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र आज दुनिया का सबसे बड़ा क्रिकेट महोत्सव हर साल मनाता है, जिसका इंतज़ार पूरे साल तक पूरी दुनिया करती है |
राष्ट्रीय डिजाइन नीति निकट भविष्य में भारत को डिजाइन श्रोत सेंटर बनाने की इच्छा रखती है। इसने प्रेरणा देने, उद्द्योग चलाने और उसी के लिए क्षमता निर्माण की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वांछित आकार लेने के लिए जागरूकता लाने और रास्ता बनाने में कई पहल महत्वपूर्ण साबित हुई हैं।
गुणवत्ता डिजाइन शिक्षा की दिशा में काम करना इसका एक मुख्य उद्देश्य है। और DAD- डिजाइन जागरूकता अभियान, राष्ट्रीय डिजाइन नीति, भारत सरकार द्वारा नियोजित मिशन के निष्पादन की दिशा में काम करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
शिक्षा हमेशा समाज के दो वर्गों द्वारा संचालित की गई है। एक व्यवसाय समूह से संबंधित है, जिन्होंने सिस्टम के प्रत्येक इकाई और टुकड़ों को बेचने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। और दूसरा उन लोगों का समूह है जिन्होंने शिक्षा प्रणाली के जमीनी विकास के लिए अपना जीवन समर्पित किया है।
प्रकृति खुद को संतुलित करती है और कहानी उसी के आसपास चलती है। जिस तरह से प्रकृति की प्रणाली को बनाए रखने के लिए डिज़ाइन किया गया है वह स्वयं टिकाऊ है। यह नकारात्मक और सकारात्मक के बारे में है। पूरा ब्रह्मांड इस अवधारणा के साथ काम कर रहा है फिर शिक्षा को क्यों नहीं बख्शा जाएगा?
अच्छाई सबको प्रेरित करता है, और वह सबसे अच्छा होता है I और बुरा बदतर को आकर्षित करता है। हमारे आसपास से प्रेरणा लेना सकारात्मक विकास के लिए सबसे अच्छी पहल है।
“आनंद कुमार”, बिहार में एक मामूली परिवार से एक गणित प्रतिभा है जो यह विश्वास करने के लिए बनाया गया था कि केवल एक राजा का बेटा ही राजा नही बन सकता है। वह यह साबित करने के लिए एक मिशन पर निकलता है कि गरीब आदमी भी दुनिया के कुछ सबसे प्रतिभाशाली दिमाग बना सकता है। वह एक प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करता है, जिसका नाम ‘सुपर 30’ है, जो 30 आईआईटी उम्मीदवारों को प्रवेश परीक्षा क्रैक करने में मदद करता है और उन्हें अत्यधिक सफल पेशेवर बनाता है जो सीधे आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था के निर्माण में भाग ले सकते हैं|
यह डिजाइन और फैशन का सुपर 30 है। यह उनके सपनों को साकार करने के लिए डिजाइन के इच्छुक लोगों का उल्लेख और मार्गदर्शन करता है। डिजाइन एक शिक्षा है जिसे एक व्यक्तिगत दृष्टिकोण और एक सही मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है। इसलिए 30 छात्रों के तर्ज़ पर DREAM 11 की अवधारणा 11 नंबर से ली गई है जो पौराणिक रूप से भाग्यशाली और पवित्र माना जाता है। इसके अलावा नाम का युवाओं के साथ एक मजबूत संबंध है।
ऑनलाइन टेस्ट – एक महीने के लिए खुली रहेगी , पंजीकरण करते समय तारीखें प्रदान की जाएंगी।
ऑफलाइन टेस्ट
पंजीकरण के लिए – 9304516169
प्रशिक्षक- जो उम्मीदवारों को प्रशिक्षित करेंगे
जो लोग एक या दूसरे तरीके से डिजाइन उद्योग से जुड़े हैं, वे DAD में वास्तविक संसाधन व्यक्ति बन जाते हैं I
DAD ने एक इनोवेशन लैब बनाई है जहाँ छात्रों और शिक्षकों को रचनात्मक स्वतंत्रता प्रदान की जाती है। डीएडी देश का सबसे बड़ा डिजाइन समुदाय है जिसमें विभिन्न विशेषज्ञ, शोधकर्ता, निफ्टियन, एनआईडीआईएन, शिल्पकार, प्रशिक्षक हैं। यह भारत के इतिहास में पहली बार है कि छात्रों की मदद के लिए एक खुला समुदाय सामने आया है।
लगभग 25 वर्षों के अनुभव के साथ Mentors, नए युग के उद्यमी जिन्होंने शैक्षिक अनुसंधान और विकास में एक दशक से अधिक समय बिताया है, ऐसे संरक्षक जिन्होंने विषयों को अगले स्तर तक सरल बनाया है और डिजाइन संस्थानों के युवा और गतिशील छात्रों को जो सीधे सिस्टम से जुड़े हैं। यह एक समय है जब लोग एक अच्छी तरह से प्रबंधित प्रणाली के माध्यम से समाज को वापस देने के लिए तैयार हैं।
National Design Policy aspires to make India a design sourcing hub in near future. It has played a pivotal role in inspiring, driving the industry and working towards building the capacity for the same. Several initiatives have proven to be instrumental in creating awareness and making way for the vision to take desired shape.
One of it’s main objectives is to work towards quality design education. And DAD- Design Awareness Drive is all set to work towards execution of the mission planned by National Design Policy, India.
Education always have had been run by two sections of the society. One that belongs to business group who have left no stone unturned to sell each and every bits and pieces of the systems. And the other is the set of people who have dedicated their lives for grass root development of education system.
Nature balances itself and the story runs around the same. The way the system of nature has been designed to keep is self sustainable. It is about negatives and positives. The whole universe has been is dealing with the concept then why would education be spared?
Good inspires and leads to the best and bad attracts worse. Taking inspiration from our surroundings is the best foot forward to positive development.
Inspired by THE SUPER 30……… Mr. Anand Kumar“Anand Kumar, a Mathematics genius from a modest family in Bihar who was made to believe that only a King’s son can become a king. He goes out on a mission to prove that even the poor man can create some of the world’s most genius minds. He starts a training program named ‘Super 30’ to help 30 IIT aspirants crack the entrance test and make them highly successful professionals who can take part directly in building a self sustaining economy”.
It is a super 30 of Design and Fashion. It mentors and guides the Design aspirants to realize their dreams. Design is an education that needs a individual approach and very one to one guidance. So it is not possible to deal with 30 students. So it was supposed to be 10. The concept of DREAM 11 has been derived from the number 11 that is mythologically known to be lucky and sacred. Moreover the name has a strong connection with youth.
DREAM 11 gives priority to the aspirants who are economically not very sound. This does not mean that aspirants who are economically sound and passionate shall not be given the chance. It makes sure that no passionate aspirant is left behind. The test is open to all the candidates from across the nation. Aspirants can join any of the mode of test which shall be open for next one month.
People who are connected to Design Industry in one or the other way become the real resource person at DAD
DAD has created an Innovation Lab where the students and teachers are provided the creative freedom. DAD is the nation’s biggest Design community that has 1000s of experts, researchers, NIFTians, NIDians, craftsmen, trainers. This is the first time in the history of India that an open community has come in front to help the students.
Mentors with experience of about 25 years, new age entrepreneurs who have spent more than a decade in educational research and development, mentors who have simplified the subjects to next level and young and dynamic students of design institutions who are connected directly with the system. It is a time when people are ready to give back to the society through a well managed system.
We are looking forward to input the updated pedagogy of international design education which has already hit the institutions of our national importance.
कुछ महीने पहले 26 जनवरी को भारत सरकार के द्वार राष्ट्रीय सम्मान समारोह हुआ था। उसमे एक नाम उभर कर आया, गोदावरी दत्ता। शायद आप, अभी भी नही समझ पाए होंगे की हम किस की बात कर रहे है। एक ऐसी महान व्यक्तित्व जिन्होंने 83 वर्षो तक अथक प्रयास कर के अपने क्षेत्रीय कला को एक नया आयाम एवं अलग पहचान दिलाया है। हमने मिथिला कला के बारे में बहुत सुना एवं पढ़ा होगा, कुछ लोगो ने इस कला को देखा भी होगा । मिथिला कला एक पारंपरिक कला है, जो एक पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है । ये मुख्यतः माँ अपनी बेटियों को एक परंपरा के रूप में सिखाती है। इसकी उत्पति बिहार के मिथिला में हुआ था, अब ये मिथिला और मधुबनी की पहचान बन चुकी है. आज कल ये मधुबनी पेंटिंग के नाम से चलन में है ।
गोदावरी जी ने अपने अद्भुत कला के ज्ञान से आज मिथिला कला को पुरे विश्व में एक अलग सम्मान दिलाया है, जिससे पूरे भारत-वर्ष का सम्मान बढ़ा है। उनको ये कला उनकी माँ सुभद्रा देवी से विरासत में मिली। कला के प्रति लगाव और जुनून को देखते हुए 1960 में राष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित किया गया तथा 2006 में उनके कला प्रतिभा को देखते हुए उनको “शिल्प गुरु” के नाम से संबोधित किया गया था। कला उत्थान के क्षेत्र में उनके योगदान लिए उन्हें पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया गया।
एक वाक्य है “Have patience and faith and keep doing the right thing...” ये वाक्य गोदावरी जी के चरित्र को बताता है। ये सफर उनके लिए लिए आसान नही था, एक मध्यम वर्ग में जन्मी लेकिन अपने माँ से मिली ज्ञान और अपने दृढ संकल्प से जीवन के सारे कठिन पड़ाव पार करते हुए आज "शिल्प गुरु" के नाम से जानी जाती है. DAD गोदावरी जी की ज्ञान रूपी तपस्या, इच्छा शक्ति एवं दृढ़ निश्चय के लिए उन्हे नमन करती है। "जय हिन्द"